इसबार का खुला भाव है 3 से 4 लाख रुपया प्रति पार्षद ।
2.
दूसरे शब्दों में, प्रबंधक का लेबल छोड़कर, अपनी कंपनी में एक खुला भाव लेकर सब के साथ बैठो।
3.
सोया वह नहीं था, आँखें खुली थीं, लेकिन खड्गहस्त भी वह नहीं था, वह सिर्फ़ देख रहा था, उसकी आँखों में सिर्फ पहचानने की चेष्टा का खुला भाव था ; न दोस्ती का खिंचाव, न दुश्मनी का संकोच।